टू-व्हीलर का जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर करे पैसों की महा बचत

Two Wheeler Zero Depreciation

कोई भी दुपहिया  वाहन, चाहे वह मोटर साइकिल हो या स्कूटर, जब शोरूम से बाहर निकलती  है, तो गाड़ी बनाने वाली कंपनी के द्वारा तय की गई कीमत पर उसका इंश्योरेंस  होता है।  लेकिन शोरूम से बाहर आने के छह महीने के भीतर ही गाड़ी की कीमत में डेप्रिसिएशन लगना  शुरू हो जाता है , और जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है, डेप्रिसिएशन भी 5% , 15% , 20% , इस हिसाब से बढ़ता रहता है।  डेप्रिसिएशन का मतलब है गाड़ी की कीमत में लगातार आने वाली कमी। और इसी के साथ  गाड़ी की इनश्योर्ड डिक्लेयर्ड  वैल्यू भी कम होती जाती है। 

Two Wheeler Insurance Comparison

इसके अलावा दुपहिया वाहन के कई ऐसे पार्ट्स हैं, जो पूरी तरह इंश्योरेंस  में कवर नहीं होते।  जैसे रबड़, नायलॉन या प्लास्टिक का कोई पार्ट, जिसे बदलने पर  50% का  डेप्रिसिएशन लगता है।  इसका मतलब है कि इन्हें बदलने पर इंश्योरेंस  कंपनी सिर्फ 50% का क्लेम देगी, मतलब आधा पैसा इंश्योरेंस  कंपनी देगी और आधा पैसा पॉलिसीहोल्डर को अपनी जेब से भरना पड़ेगा।  इसी तरह अगर फाइबर ग्लास से बना कोई हिस्सा बदला जाता है तो इंश्योरेंस  क्लेम करते समय उस पर 30%  का डेप्रिसिएशन लगता है। जैसा कि हम जानते हैं, इनश्योर्ड डिक्लेयर्ड  वैल्यू तय करना तो इंश्योरेंस  कंपनी के हाथ में होता है लेकिन गाड़ी के बाकी हिस्सों में होने वाले डेप्रिसिएशन को हम जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस  कवर के द्वारा बचा सकते हैं।

जीरो डेप्रीसिएशन इंश्योरेंस  कवर - यह टू- व्हीलर के कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस  प्लान के साथ लिया जाने वाला ऐड ऑन कवर है, जो गाड़ी के कई पुर्ज़ों में होने वाले डेप्रिसिएशन को क्लेम के समय कवर करता है जिससे पॉलिसीहोल्डर के जेब पर खर्चे का अतिरिक्त भार नहीं पड़ता। इस ऐड ऑन को लेने के लिए प्रीमियम में थोड़ा सा अतिरिक्त पैसा देना होता है, जो साधारण प्रीमियम से लगभग 15-20 % ज्यादा होता है।  

जीरो डेप्रीसिएशन कवर सिर्फ नई गाड़ियों के लिए होता हैं। इस ऐड ऑन को नई गाड़ी खरीदते समय या इंश्योरेंस  को रिन्यू करते समय लिया जा सकता है। वैसे तो अलग अलग कम्पनियाँ अपने-अपने हिसाब से गाड़ी की उम्र को तय करती हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह दो साल है। इसी तरह एक साल के भीतर जीरो डेप्रीसिएशन इंश्योरेंस  में कवर किए जाने वाले इंश्योरेंस  क्लेम की भी एक सीमा होती है, और यह भी अधिकतर मामलों में 2 बार तक ही सीमित है।
किसके लिए फायदेमंद है – 

•    जिन लोगों को हार्ले -डेविडसन, कावासाकी निन्जा, इंडियन रोडमास्टर जैसी महँगी - महँगी बाइक खरीदने का शौक होता है, यह इंश्योरेंस  उन लोगों के लिए बिलकुल सही है। इसका कारण यह है कि महँगी बाइक के स्पेयर पार्ट्स बहुत महँगे होते हैं, जिन्हें जीरो डेप्रीसिएशन इंश्योरेंस  में आसानी से कवरं किया जा सकता है। इन महँगी गाड़ियों में छोटी सी छोटी मरम्मत का काम भी बहुत महँगा पड़ता है।
इसके अलावा अगर 75 हज़ार से 1 लाख रुपये तक की स्कूटर और मोटर साइकिल की बात करें तो इन गाड़ियों के लिए भी दो साल तक लिया जाने वाला ज़ीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस  कवर फायदेमंद ही होता है। इन गाड़ियों में होने वाले टूट- फूट के खर्चे की तुलना अगर हम इंश्योरेंस  के प्रीमियम से कर के देखें तो यह पाते हैं कि ज़ीरो डेप्रेसीएशन इंश्योरेंस  कवर बहुत किफायती है।

 

कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान बगैर ज़ीरो डेप्रिसिएशन के साथ

कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान  ज़ीरो डेप्रिसिएशन के साथ

 प्रीमियम की राशि रुपयों में

1300

    1560

  • गेराज का बिल
  • बदली किये गए पुर्ज़े का डेप्रिसिएटेड कीमत

3500

 

 850

    3500

   

       00

 

इंश्योरेंस  कंपनी के द्वारा किया गया भुगतान

3500

    3500

पॉलिसीहोल्डर के द्वारा किया गया कुल खर्चा

 

1300 + 850 = 2150

 

    1560

  (टेबल में लिखी गई रकम सांकेतिक है और सिर्फ़ समझाने के उद्देश्य से लिखी गई हैं)

Benefits of Two Wheeler Insurance


लेख में लिखी गई बातें जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से हैं। इस विषय को गहराई से जानने के लिए बाजार में मौज़ूद टू व्हीलर इंश्योरेंस  कंपनियों से सीधे जानकारी प्राप्त करें।•    यह इंश्योरेंस  उन ड्राइवरों के लिए भी है, जिसके पास नया दो पहिया सवारी तो है, लेकिन गाड़ी चलाने की कुशलता नही है, जिससे गाड़ी को आए दिन कुछ न कुछ नुकसान पहुँचता रहता है। इसके अलावा भी कौन कब किसकी गाड़ी से जा टकराये, यह कहा नहीं जा सकता।
•    जो बाइक या स्कूटर आए दिन दुर्गम, पथरीले रास्तों से गुज़रते हैं, या ऐसे जगहों से गुज़रते हैं जहाँ सड़कों में गड्ढे हैं, तो उनके लिए भी यह इंश्योरेंस  उपयुक्त है।
•    अगर आप दुर्घटना प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं  जहाँ  अक्सर तेज़ रफ़्तार गाड़ियाँ दुर्घटना को बुलावा देती रहती हैं ,या ट्रैफिक की  सही व्यवस्था न होने के कारण अक्सर गाड़ियाँ दुर्घटना का शिकार होती हैं।
जीरो डेप्रिसिएशन में क्या कवर नहीं होता – 
•    समय के साथ गाड़ी में होने वाला टूट- फूट, 
•    गाड़ी में इस्तेमाल होने वाली वह चीज़ें जो इंश्योरेंस  में कवर नहीं होतीं, जैसे टायर आदि, 
•    गाड़ी को नुकसान पहुँचाने वाला वह माध्यम जो इंश्योरेंस  के दायरे में नहीं आता 
•    मशीनी खराबी के चलते वाहन को होने वाला नुकसान
•    गाड़ी में किया गया कोई मॉडिफिकेशन जिसकी जानकारी इंश्योरेंस  कंपनी को नहीं है।
•    अगर गाड़ी चोरी हो जाती है , या इस हद तक दुर्घटनाग्रस्त है कि उसका दोबारा बन पाना नामुमकिन हो।
अक्सर आपने देखा होगा कि कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस  प्लान लेने के बाद भी क्लेम सेटलमेंट के समय पॉलिसीहोल्डर एक बड़ी रकम अपनी जेब से भर रहा होता है। अगर दुपहिया वाहन का  इंश्योरेंस  लेने के बाद आप भविष्य में गाड़ी की मरम्मत में होने वाले खर्चे से छुटकारा चाहते हैं तो जीरो डेप्रिसिएशन ऐड ऑन इंश्योरेंस  ही इसका एकमात्र हल है।

Motorcycle Insurance

 

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