हेल्थ इंश्योरेंस का मतलब है "सुरक्षा" जिसकी हमे सबसे ज्यादा तब आवश्यकता पड़ती है जब किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण आपके परिवार के किसी भी सदस्य को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और इलाज कराना पड़ता है। इस परिस्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी अस्पताल में हुए खर्च की भरपाई करती है और हमें पैसो के नुक्सान से बचाती है।
हेल्थ इंश्योरेंस आप अपने परिवार मे से किसी के लिए भी ले सकते है। आजकल बाजार में सब के हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध है जैसे की अकेले व्यक्ति , पूरे परिवार या फिर सीनियर सिटीजन के लिए अलग से भी उपलब्ध है।
हेल्थ इंश्योरेंस के लिए कितने पैसे देने पड़ेंगे ये इंश्योरेंस कंपनी तय करती है आपकी आयु और स्वास्थ्य के अनुसार तथा आप कितने का हेल्थ इंश्योरेंस करवाना चाहते है। तभी आपने सुना होगा जितनी कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेंगे, उतने ही कम पैसे देने पडते है।
हालांकि आजकल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने ज्यादातर सभी अस्पताल से समझौता किया हुआ है पर फिर भी इलाज कराने से पहले पुष्टि कर ले की वो उनके नेटवर्क पैनल में है या नहीं और अस्पताल में पुष्टि करें की आपकी इंश्योरेंस स्वीकार की जाती हैं या नहीं।
हेल्थ इंश्योरेंस में कवरेज अमाउंट का मतलब होता है की हमें कितनी रकम का क्लेम मिल सकता है यानि की हॉस्पिटल में भर्ती होने पर हम कितना खर्चा इन्शुरन्स कंपनी से क्लेम कर सकते है। जितने की भी कवरेज हम सुनिश्चित करते है उसके आधार पर प्रीमियम तय किया जाता है जो हमे हर साल देना होता है।
नहीं हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपको पैसे वापसी नहीं करती परंतु अगले साल के प्रीमियम भुगतान करने पर आपको कुछ छूट देती है “नो क्लेम बोनस” के रूप में।
ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी जिस दिन से आपने पालिसी ली है उस दिन से पहले की बीमारियों के खर्च से सुरक्षा नहीं देती है। हर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के नियम के अनुसार आपको कुछ समय तक (साल या दो साल ) ठहरना पड़ता है और उसके बाद आपकी पुरानी बीमारी का खर्च भी कंपनी देती है उनके नियम व शर्तो के अनुसार। हर कंपनी के अलग नियम है इसलिए हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले इस बात की जानकारी जरुर ले ।
हर व्यक्ति का स्वास्थ्य अलग है और अपनी जरुरत भी अलग-अलग होती है तो इसलिए हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले निचे लिखी बातों का ख्याल रखना चाहिए
• आपको जरुरत के समय इलाज के लिए कितने राशी की आवश्यकता पड़ेगी ?
• आप के परिवार की मेडिकल हिस्ट्री कैसी है ?
• आप अपने परिवार में कितने लोगो का बीमा करवाना चाहते है ?
• आप के परिवार में बुजुर्ग माता पिता है या नहीं ?
• आप किस किस्म के हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाना चाहोगे ?
नहीं आपको सबके लिए अलग हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लेना पड़ता है। बाजार मैं सब के लिए जैसे की अकेले व्यक्ति या माता पिता ,वरिष्ठ नागरिक और पुरे परिवार के लिए प्लान्स उपलब्ध है।
आजकल की हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स लगभग सारी बीमारी के खर्च से सुरक्षा देते है परन्तु फिर भी आप प्लान्स लेने से पहले दस्तावेज़ देख ले के उसमे कौन कौन सी बीमारी कवर है।
हेल्थ इंश्योरेंस एक तरह का सुरक्षा कवच है और बीमारी कोई पहले बता के तो आती नहीं तो जितना जल्द हो सके ले ले और होने वाले खर्च से अपने आप को सुरक्षित कर ले।
नहीं अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने के बाद संतुष्ट नहीं है तो अपने प्लान की एक साल की अवधि समाप्त होने पर आप और किसी भी बीमा कंपनी के प्लान ले सकते है।
हर इंश्योरेंस प्लान्स के साथ राइडर्स उपलब्ध है और आप अपनी जरुरत के अनुसार ले सकते है। निचे लिखे हुए राइडर्स आजकल बहुत लोग लेते है।
कमरे के किराया की छूट (रुम रेंट वेवर ) - आप जब किसी हॉस्पिटल में भर्ती होने जाते है तो लगभग सभी हेल्थ इंश्योरेंस के अनुसार आपको सामान्य कमरा अथवा 3 -4 मरीजों के साथ एक ही कमरा दिया जाता है। अगर आपने रुम रेंट वेवर का राइडर लिया है तो आपके अलग से कमरा लेने पर कोई रोक नहीं होती।
गर्भावस्था मै कवर - इस विकल्प को लेने से आप गर्भावस्था मै कवर भी ले सकते है जो कई बार साधारण हेल्थ इंश्योरेंस इन्शुरन्स में कवर नहीं होती है। हालांकि आजकल सभी प्लान्स में ये विकल्प देते है पर फिर भी आप बीमा लेने से पहले जरुर देख ले।
गंभीर बीमारी (क्रिटिकल इलनेस ) - अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है तो आप उसका विकल्प ले सकते है जिसमे कैंसर जैसे रोग या और गंभीर बीमारिया भी शामिल है होता है
हॉस्पिटल में दवा या और कोई खर्च ( हॉस्पिटल खर्च ) - हॉस्पिटल में भर्ती होने से आपके दवाई या कोई अन्य खर्च को भी आप कवर कर सकते है।
पर्सनल एक्सीडेंट कवर - कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स आपको एक्सीडेंट का कवर नहीं देते है पर अगर आपने पर्सनल एक्सीडेंट कवर लिया है तो इस कवर में एक्सीडेंट की वजह से नुकसान का भी कवर मिल जाता है।
हाँ जब आप इंश्योरेंस लेंगे तब आपको इंश्योरेंस कंपनी एक पालिसी सर्टिफिकेट और मेडिक्लेम कार्ड आपके नाम से जारी करेगी जो आपके इलाज के समय काम आता है।
नहीं सारी हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी दुर्घटना के इलाज में आपके पुरे खर्च में मदद नहीं करती है हालाँकि कुछ कॉम्प्रिहेंसिव प्लान्स आपको दुर्घटना के खर्च भी देती है।
आजकल गर्भावस्था की अवस्था और बच्चे के जन्म का हॉस्पिटल खर्च लगभग सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स में कवर होता है परन्तु फिर भी बीमा लेने से पहले दस्तावेजों को जरूर पढ़े।
हाँ पर जो लोग धूम्रपान, तंबाकू सेवन या शराब पीते है उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस कराने के लिए ज्यादा प्रीमियम भुगतान करना पड़ता है।
हालाँकि सब हेल्थ इंश्योरेंस की प्रतीक्षा अवधि लगभग २-३ साल की होती है परन्तु फिर भी इंश्योरेंस लेने से पहले बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से पुष्टि कर ले या दस्तावेजों को देखे।
हर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के प्लान्स अलग है और उनके अनुसार प्रतीक्षा अवधि ख़तम होने के बाद जो भी बीमारियां कवर होंगी उनके दस्तावेजों में दी गई होगी तो प्लान्स लेने से पहले जरुर देखे।
हालाँकि सब हेल्थ इंश्योरेंस की प्रतीक्षा अवधि लगभग २-३ साल की होती है परन्तु फिर भी इंश्योरेंस लेने से पहले बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से पुष्टि कर ले या दस्तावेजों को देखे।
हर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के प्लान्स अलग है और उनके अनुसार प्रतीक्षा अवधि ख़तम होने के बाद जो भी बीमारियां कवर होंगी उनके दस्तावेजों में दी गई होगी तो प्लान्स लेने से पहले जरुर देखे।
हा अगर आपकी कंपनी ने आपका हेल्थ इंश्योरेंस करा रखा है फिर भी अपना अलग से इंश्योरेंस करवा सकते है।
हा आप हेल्थ इंश्योरेंस की रकम को बढ़ा सकते है इसके लिए आपको अलग से टॉप अप प्लान लेना होगा या अगले साल पालिसी रिन्यूअल के समय आप हेल्थ इंश्योरेंस का कवरेज अमाउंट बढ़वा सकते है।
हाँ अगर आप एक ही कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस रखते है तो साल के अंत में "नो क्लेम बोनस" या और भी कई आकर्षक ऑफर्स कंपनी से मिल सकते है।