लाइफ इंश्योरेंस बीमा धारक की मृत्यु होने पर हमारे परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है और तय की गई सुनिश्चित राशि (कवरेज अमाउंट या सम अशुअर्ड) हमारे चुने हुए व्यक्ति यानी नॉमिनी को दे देती हैं
लाइफ इंश्योरेंस रिस्क कवर के अलावा रेगुलर बचत करने के भी काम आता है। इसे लेने के पीछे हर किसी की अपनी ज़रूरत या उद्देश्य होता है जैसे की कई लोग अपने लिए घर लेने के लिए , कई अपने बच्चो की शिक्षा , शादी अथवा घर के खर्च के लिए भी इंश्योरेंस लेते है।
लाइफ इंश्योरेंस आप कभी भी अपनी जरूरत के अनुसार करवा सकते है पर ज्यादातर लोगो की राय होती है की जितनी कम उम्र में ले लो उतना ज़्यादा फायदा रहता है।
कम उम्र में इंश्योरेंस लेने का सबसे बड़ा फायदा है आपको अपनी पालिसी के लिए प्रीमियम कम देना पड़ता है, मैडिकल टेस्ट भी नहीं कराने पड़ते और बड़ी रकम का बीमा कम प्रीमियम से मिल जाता है। और यह कम प्रीमियम पूरी उम्र तक फिक्स्ड रहता है जिससे आपको आगे चल कर बहुत बचत होती है।
लाइफ इंश्योरेंस कराने के लिए आपको कितने पैसे देने होते है ये इन सब बातों पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है की आप कितने का बीमा कराना चाहते है, आपकी उम्र कितनी है, आपका स्वास्थ्य कैसा है। ये सब बातें आपके जीवन बीमा का प्रीमियम तय करती है।
बाजार में हर किसी की जरूरत के अनुसार प्लान्स उपलब्ध है जैसे की आप अपने लिए देख रहे हो या अपने बच्चो के लिए या फिर पुरे परिवार के लिए भी उपलब्ध है। इसमें टर्म इंश्योरेंस, पूरी जिंदगी यानी होल लाइफ इंश्योरेंस , एन्डोमनट , यु लिप , मनी बैक , पेंशन प्लान ,बच्चो के प्लान्स वगैरह उपलब्ध है।
लाइफ इंश्योरेंस कितने का लेना चाहिए ये आपकी आय और खर्चो पर निर्भर करता है हालाँकि जानकारों का कहना है की आपकी जितनी वार्षिक आय है हो उसके 10 गुना तक का तो लेना चाहिए। और इन बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए की आप पर कितने लोगो की जिम्मेदारी है, आपकी जीवन शैली कैसी है, अपने लोन कितने लिए हुए है।
लाइफ इंश्योरेंस में राइडर्स एक तरह के अतिरिक्त विकल्प होते है जो थोड़े से एक्स्ट्रा पैसे दे कर उनके लाभ उठा सकते है। आजकल क्रिटिकल इलनेस और पर्सनल एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट राइडर बहुत से लोग लेना पसंद करते है।
आजकल बाजार में बहुत तरह के राइडर्स है पर मुख्य राइडर्स है - एक्सीडेंटल डेथ राइडर, स्थायी / आंशिक विकलांगता, टर्म एश्योरेंस राइडर, क्रिटिकल इलनेस राइडर, त्वरित एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट राइडर, प्रीमियम की छूट, स्पाउस बीमा कवर, सर्जिकल असिस्टेंट बेनिफिट आदि।
लाइफ इंश्योरेंस के राइडर्स आपको अपनी जरूरत को ध्यान में रख कर लेने चाहिए ।
हाँ आजकल सभी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस पालिसी में आपने जितने भी पैसे जमा किये है उसका कुछ हिस्सा या उससे ज्यादा जो भी इंश्योरेंस कंपनी का नियम है उसके अनुसार आपको लोन दे देती है।
लाइफ इंश्योरेंस पालिसी को रद्द करने के बाद जमा किया हुआ पैसा मिलेगा या नहीं ये बीमा कंपनी के नियम पर निर्भर करता है । अगर आपने सिर्फ 3 वर्ष या उससे कम ही अपना प्रीमियम दिया है तो आपको कुछ भी वापसी नहीं मिलता।
टर्म इंश्योरेंस पालिसी धारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को मदद करता है और क्लेम की राशि दे कर उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. ये ही एक ऐसी पालिसी है जिसमें आपको बहुत ही कम पैसो मैं ज्यादा रकम का कवर मिलता है।
टर्म इंश्योरेंस में केवल पालिसी धारक की मृत्यु होने पर ही पैसे मिलते है। पालिसी ख़तम होने पर कोई पैसे नहीं मिलते। आज कल कुछ कम्पनियाँ " रिटर्न ऑफ प्रीमियम " फीचर भी देती है जिसमे आपका दिया हुआ प्रीमियम पालिसी ख़त्म होने के बाद वापस कर दिया जाता है।
टर्म इंश्योरेंस आपको बहुत ही कम प्रीमियम में ज्यादा रकम का कवर प्रदान करती है और इसमें ख़तम होने के बाद कोई पैसा नहीं मिलता है। बेसिक लाइफ इंश्योरेंस में आपको कम कवर मिलता है और पालिसी ख़तम होने पर आपके जमा किए हुए पैसे आपको बोनस के साथ दिए जाते है।
आजकल सभी टर्म इंश्योरेंस आमतौर पर 60 से 65 साल की उमर तक आपको कवर देते है और कुछ प्लान्स बाजार में उपलब्ध है जो इससे ज्यादा का भी कवर देते है। कोई भी प्लान लेने से पहले उसकी पूरी जानकारी जरुर ले ले।
नहीं टर्म इंश्योरेंस में कोई लोन की सुविधा नहीं होती है।
हाँ टर्म इंश्योरेंस पालिसी में अगर आप विदेश में यात्रा कर रहे है और आपको कुछ हो जाता है तो भी आपको कवर मिलता है।
टर्म इंश्योरेंस की सुनिश्चित राशि (सम अशुअर्ड) यानी आपकी मृत्यु के बाद आपके परिवार को उतने क्लेम की राशि मिलेगी। आप जितनी भी राशि तय करेंगे उसके हिसाब से आपका प्रीमियम तय किया जायेगा जो आपको हर साल बीमा कंपनी को देना होगा।
टर्म इंश्योरेंस में राइडर्स के विकल्प आप अपनी जरुरत के अनुसार ले सकते है। हालाँकि एक्सीडेंटल कवर यानि अगर किसी एक्सीडेंट की वजह से मृत्यु होने पर अलग से एक्स्ट्रा कवर या फिर भविष्य के सारे प्रीमियम माफ़ (वेवर ऑफ़ प्रीमियम ) करने वाले राइडर बहुत ही आम है और जरुरी भी।
अगर आप ज्यादा कवर नहीं ले रहे तो कंपनी आमतौर पर कुछ नहीं देखती। परन्तु आपका कवर ज्यादा है या बड़ी सुनिश्चित राशि है तो इंश्योरेंस कंपनी टर्म इंश्योरेंस देने से पहले आपके स्वास्थ्य का चेक अप कराती है , आप शराब या तंबाकू का सेवन करते है या नहीं, यह देखती है।
शराब या तम्बाकू पीने वाले व्यक्ति को बीमा कम्पनी टर्म इंश्योरेंस दे तो देती है पर आपका प्रीमियम बढ़ा देती है।
नहीं टर्म इंश्योरेंस में आपका प्रीमियम आपको एक साल के लिए ही कवर देता है। अगर आप पालिसी लेने के बाद ही अगले साल ही प्रीमियम नहीं देते तो आपकी पालिसी ख़तम हो जाती है।
टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले देख ले बीमा कंपनी की बाजार में छवि कैसी है और सबसे जरुरी क्लेम सेटलमेंट रेश्यो यानि उस कंपनी ने कितने लोगों को क्लेम दिए है और कितने लोगो के क्लेम रिजेक्ट किए है।
बच्चो की इंश्योरेंस एक तरह से बच्चो के जीवन का रिस्क कवर और बचत का उद्देश्य पूरा करती है, परन्तु पालिसी लेने के पीछे लगभग सभी लोगों का उद्देश्य होता है भविष्य में बच्चो पर होने वाले बड़े खर्चो के लिए पैसे जोड़ना जैसे की उनकी पढाई या उनकी शादी
आजकल बाजार में सभी आयु के बच्चों के लिए इंश्योरेंस प्लान्स उपलब्ध है यहां तक की नये जन्मे बच्चे के लिय भी उपलब्ध है आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भी आयु के बच्चे के लिए इंश्योरेंस पालिसी ले सकते है
बच्चो की इंश्योरेंस लेते समय सबसे पहले इस बात को सोचे की बच्चे की अभी आयु कितनी है और कितने सालो बाद आपको बड़े खर्चो जैसे की उनकी पढ़ाई या शादी के लिए कितने पैसे की ज़रुरत पड़ेगी। इन सब बातो का ध्यान रखते हुए अपने बच्चो के लिए एक उचित प्लान में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए।
बच्चो की इंश्योरेंस पालिसी की आप अपनी जरुरत के अनुसार ले सकते है। उदहारण के तौर पर आपका बच्चा 5 साल का है और आपको पैसो की जरुरत जब वो 18 साल का होगा तब उसकी पढाई के लिए चाहिए होगी तो आप 13 साल की अवधि का प्लान ले सकते है और अगर आपका बच्चा 10 साल का है तो 8 साल की अवधि या 15 साल की अवधि ले सकते है वो पैसा उसकी शादी के समय काम आएगा।
बच्चो की इंश्योरेंस के लिए मुख्य तौर पर बेसिक प्लान्स जिसमे आपको 18 साल बाद या 25 साल बाद एक निष्चित राशी मिलती है या फिर बाजार पर निर्भर प्लान्स यानि की जिस भी साल में आप पैसे लेंगे उस समय मार्किट के अनुसार आपको पैसे मिलेंगे।
हाँ बच्चो की इंश्योरेंस पालिसी में आप अपने जमा किए हुए प्रीमियम पर लोन ले सकते है।
हाँ आप एक साल में जितना भी प्रीमियम देते है उस पर इनकम टैक्स की धारा 80 C के नियम अनुसार टैक्स की छूट मिलती है।
बच्चो की इंश्योरेंस पालिसी में बच्चे का स्कूल आई कार्ड और कोई भी एक सरकारी दस्तावेज (बर्थ सर्टिफिकेट या पासपोर्ट) चाहिए होता है। इसके साथ साथ माता पिता का एक एड्रेस प्रूफ ।