हेल्थ इंश्योरेंस को मुख्य रूप से स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने वाले इंश्योरेंस के तौर पर जाना जाता है, जो बीमार होने पर अस्पताल में किये जाने वाले इलाज का खर्चा उठाती है और गंभीर बीमारी होने पर एक बड़ी रकम जारी करके इलाज में सहयोग करती है। लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेने का इसके अलावा एक और फायदा भी है। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को जारी रखने के लिए प्रीमियम के तौर पर जो पैसा दिया जाता है, उसपर इनकम टैक्स में अच्छी -खासी छूट मिलती है।
किसी भी व्यक्ति के बारह महीने की कुल आय का लेखा- जोखा लगाकर उसकी टैक्सेबल इनकम निकाली जाती है। उसके बाद उस व्यक्ति के साल भर का इन्वेस्टमेंट देखा जाता है। ऐसे कई इन्वेस्टमेंट हैं जिनपर किया गया ख़र्चा टैक्सेबल इनकम नहीं कहलाता। हेल्थ इंश्योरेंस में प्रीमियम के तौर पर दिया जाने वाला पैसा भी टैक्सेबल इनकम में नहीं आता, इसीलिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80 D के तहत इसपर इनकम टैक्स में छूट मिलती है।
क्या होता है इनकम टैक्स का सेक्शन 80 D ?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 का सेक्शन 80 D यह कहता है कि हेल्थ इंश्योरेंस में प्रीमियम के तौर पर दिये जाने वाले पैसे पर सालाना डिडक्शन, मतलब इनकम टैक्स की छूट मिलती है । यह छूट सेक्शन 80 C में लाइफ इन्शुरन्स पर मिलने वाले छूट के अलावा है। इसमें मिलने वाली छूट की अधिकतम राशि 25,000/- रुपये है और सीनियर सिटीजन के लिए 50,000/- रुपये है। इसके अलावा शरीर से जुड़े किसी भी स्वास्थ्य समस्या का पता लगाने के लिए जो हेल्थ चेक अप कराया जाता है उस पर भी अधिकतम 5000 /- रुपये तक की छूट मिलती है।
सेक्शन 80 D में मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट कैसे मिलती है ?
- हेल्थ इंश्योरेंस में स्वयं, पत्नी और डिपेंडेंट बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने पर इनकम टैक्स की छूट मिलती है। यदि माता पिता के हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी व्यक्ति खुद भरता है, तो उसमे भी अलग से टैक्स पर छूट मिलती है।
- हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर एक साल में मिलने वाली डिडक्शन्स की अधिकतम राशि 25,000 /- रुपये है।
- यदि परिवार का कोई सदस्य सीनियर सिटीजन है, मतलब 60 साल से अधिक उम्र का है तो डिडक्शन्स की अधिकतम राशि 50,000/- रुपये होगी।
- यदि 60 साल से कम उम्र का परिवार का मुखिया, उसकी पत्नी और छोटे बच्चे हेल्थ इंश्योरेंस में कवर्ड हैं तो डिडक्शन्स की अधिकतम राशि 25,000/- रुपये होगी । यदि 60 साल से कम उम्र के माता- पिता के हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम वह देता है तो अधिकतम 25,000/- रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन भी उसे मिलेगा।
- यदि माता या पिता में से कोई एक, या दोनों 60 साल से अधिक उम्र के हैं तो मिलने वाले डिडक्शन की अधिकतम राशि 50,000/- रूपये होगी।
- यदि व्यक्ति स्वयं 60 साल से अधिक उम्र का हो जाता है, तो उसे मिलने वाली इनकम टैक्स की छूट 25,000/- रूपये से बढ़कर 50,000/- रूपये हो जाती है।
इन सभी बातों को उदाहरण के द्वारा आसानी से समझा जा सकता है।
- हरीश की उम्र 40 साल है और उसके मेडिकल इंश्योरेंस में पत्नी और डिपेंडेंट बच्चे शामिल हैं। वह सालाना 20,000/- रुपये हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरता है। उसके माता- पिता की उम्र 52 और 59 साल है। हरीश उनके मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम 24,000/- रूपये भरता है।
हरीश को मिलने वाला कुल डिडक्शन : 20,000 +24,000 =44,000 /- रूपये
नोट : हरीश को कुल 25,000 +25,000 =50,000 /- रूपये तक का अधिकतम डिडक्शन इस केस में मिल सकता है अगर उसकी प्रीमियम की राशि ज्यादा होती है तो।
- मोहन की उम्र 41 साल है और उसके मेडिकल इंश्योरेंस में पत्नी और डिपेंडेंट बच्चे शामिल है। वह सालाना 22,000/- रुपये हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरता है। उसके माता- पिता की उम्र 59 और 68 साल है। हरीश उनके मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम 29,000 रूपये भरता है।
हरीश को मिलने वाला कुल डिडक्शन : 22,000 +29,000 =51,000 /-रूपये है।
नोट : मोहन को कुल 25,000 +50,000 =75,000 /- रूपये तक का अधिकतम डिडक्शन इस केस में मिल सकता है अगर उसकी प्रीमियम की राशि ज्यादा होती है तो।
- गोपाल की उम्र 60 साल है और उसके मेडिकल इंश्योरेंस में पत्नी और डिपेंडेंट बच्चे है। वह सालाना 29,000/- रुपये हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरता है। उसके माता- पिता की उम्र 78 और 84 साल है। हरीश उनके मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम 40,000 /- रूपये भरता है।
हरीश को मिलने वाला कुल डिडक्शन : 29000 +40000 =69000 /-रूपये है।
नोट : गोपाल को कुल 50,000 +50,000 =1,00,000 /- रूपये तक का अधिकतम डिडक्शन इस केस में मिल सकता है अगर उसकी प्रीमियम की राशि ज्यादा होती है तो।
- श्याम की उम्र 61 साल है और वह 52,000/- रूपये मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम भरता है। इसके अलावा उसने हेल्थ चेक अप पर 6,500/- रूपये भी खर्च किये हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पर किया गया कुल खर्चा : 52000 + 6500 = 58500 /- रूपये
सीनियर सिटीजन को मिलने वाले टैक्स बेनिफिट का अधिकतम लाभ = 50,000 /- रुपये
श्याम को मिलने वाला कुल डिडक्शन = 50,000 /- रुपये
**यह सभी उदाहरण सांकेतिक हैं। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए इनकम टैक्स के जानकार से संपर्क करें।
सेक्शन 80 D में मिलने वाले टैक्स बेनिफिट में ध्यान देने योग्य बातें :
- 18 साल से अधिक उम्र के नौकरी पेशा बच्चे माता पिता की पॉलिसी में कवर नहीं होते।
- बेरोज़गार पुत्र ज्यादा से ज्यादा 25 साल तक माता पिता की पॉलिसी में कवर्ड रह सकता है।
- बेरोजगार पुत्री शादी होने तक माता पिता के पॉलिसी में कवर्ड रह सकती है।
- यदि आप चाहें तो परिवार के अन्य सदस्यों, जैसे भाई- बहन, सास -ससुर, बुआ -चाची किसी के भी हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भर सकते हैं, लेकिन सेक्शन 80 D में मिलने वाला टैक्स डिडक्शन इन मामलों में नहीं मिलेगा।
- यदि जीवन बीमा पॉलिसी के साथ क्रिटिकल इलनेस राइडर ऐड ऑन है, तो इस राइडर को जारी रखने के लिए जो भी प्रीमियम दिया जाता है, उसे सेक्शन सेक्शन 80 D के तहत क्लेम किया जा सकता है।
यदि लम्बी अवधि का हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो इनकम टैक्स में छूट कैसे मिलता है ?
लम्बी अवधि के हेल्थ इंश्योरेंस पर प्रीमियम एक ही बार देना होता है। मान लीजिये एक साथ 3 साल के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया गया है। इनकम टैक्स का बेनिफिट देने के लिए प्रीमियम को तीन हिस्से में बराबर बाँटकर हर साल एक हिस्से पर ही इनकम टैक्स का बेनिफिट दिया जाता है। यहाँ पर भी 25,000/- रूपये और 50,000/- रूपये के नियम पहले की तरह ही लागू होते हैं।
बदलती जीवन शैली, खान पान और काम के तनाव की वजह से आज के समय में हाइपरटेंशन, डायबिटीज़, दिल की बीमारी, ओबेसिटी जैसे रोग बढ़ते जा रहे है जो आगे चल कर गंभीर बीमारी का रूप धारण कर लेते हैं। इसके अलावा दिन-ब- दिन महँगी होती स्वास्थ्य सुविधाएँ भी चिन्ता का विषय है। इसीलिए हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय की प्राथमिकता है, यह स्वास्थ्य सुविधाओं के इलाज का खर्चा उठाने के साथ- साथ इनकम टैक्स बेनिफिट देकर दोहरी बचत का काम करती है।