एंडॉमेंट पॉलिसी या मनी बैक पॉलिसी- कौन सा बेहतर है?

Endowment Policy vs Money Back Life Insurance

एंडॉमेंट और मनी बैक पॉलिसी दोनों पारम्परिक इंश्योरेंस प्लान हैं जो बचत और बीमा इन दो खूबियों की वजह से सबसे ज्यादा पसंद किये जाते हैं।

यह दोनों इंश्योरेंस  पॉलिसी काफी समय से बाजार में हैं, और अलग अलग इंश्योरेंस  कंपनी में अलग अलग नाम से जाने जाते हैं। जैसे–एलआई सी की “न्यू एंडोमेंट पॉलिसी” और “मनी बैक पॉलिसी” ; बजाज आलियांज की “सेव एश्योर प्लान” और “कैश एश्योर प्लान”; एस बीआई की “लाइफ स्मार्ट बचत”, और “लाइफ मनी बैक गोल्ड” आदि। चाहे ये पॉलिसी कितने ही समय से बाजार में क्यों न हों, लेकिन आज भीयह फैसला लेते हुए थोड़ा उलझन महसूस होता है कि कौन सा इंश्योरेंस  खरीदना ठीक रहेगा। इसके लिए ज़रूरी है कि इन दोनों इंश्योरेंस प्लान की बारीकी से जानकारी हो।
एंडॉमेंट प्लान और मनी बैक प्लान में क्या समानता है –
•    दोनों प्लान में पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु होने पर नॉमिनी को पैसा मिलता है। 
•    पॉलिसी मैच्योर होने तक अगर पॉलिसीहोल्डर जीवित है तो दोनों प्लान में प्रीमियम के तौर पर दिया गया पैसा बोनस के साथ मिलता है, इसेसम एश्योर्ड कहते हैं।  
•    दोनों प्लान रिस्क फ्री है। पैसा आपको हर हाल में  मिलेगा, लेकिन उसके लिए प्रीमियम लगातार समय से भरना जरूरी है।  
•    इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत प्रीमियम के रूप में  दिए गए पैसे पर और सेक्शन 10(10D) के तहत क्लेम के रूप में मिलेपैसे पर, दोनों ही पॉलिसी में इनकम टैक्स बेनिफिट मिलता है।  

दोनों प्लान में अंतर –

सर्वाइवल बेनिफिट्स- 
एंडॉमेंट प्लान और मनी बैक प्लान में जो बेसिक  अंतर है वह सर्वाइवल बेनिफिट्स का  है। पॉलिसी खरीदने से मैच्योर होने के बीच जो पैसामिलता है, उसे सर्वाइवल बेनिफिट्स  कहते हैं। एंडॉमेंट प्लान में सर्वाइवल बेनिफिट्स पॉलिसी की अवधि पूरा होने पर ही मिलता है, जिसेपॉलिसी का मैच्योर होना कहते हैं। मैच्योरिटी के समय कुल मिलने  वाला पैसा, सम एश्योर्ड और जो भी बोनस आपके लिए गए प्लान के हिसाबसे  बनता है, वह जोड़ कर दिया जाता है। वहीं मनी बैक पॉलिसी में लगातार प्रीमियम समय से देने पर पॉलिसी होल्डर को एक निश्चित अंतराल केबाद, जैसे हर पांच साल में बीमा कंपनी कुछ पैसा वापस देती रहती है,जो सर्वाइवल  बेनिफिट्स में आता है, इसी को मनी बैक कहते हैं।  मनीबैक के तौर पर वापस दिया जाने वाला पैसा सम एश्योर्ड का एक फिक्स्ड परसेंटेज होता है। पॉलिसी मैच्योर होने पर जो भी पहले से तय समएश्योर्ड है, उसमे से अब तक जो सर्वाइवल बेनिफिट्स दिया जा चुका है, मतलब -हर  पांच साल में जो पैसा पहले ही मिल गया है, उसे घटाकरबाकि पैसा पॉलिसी होल्डर को दे दिया जाता है। यदि पॉलिसी के दौरान पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो पॉलिसी का पूरा सम एश्योर्डनॉमिनी को मिलता है, चाहे मनी बैक का पैसा पहले भी क्यों न मिल चुका हो। इस तरह मनी बैक में सर्वाइवल बेनिफिट्स पॉलिसी के मैच्योर होनेतक बीच -बीच में मिलता रहता है।

पॉलिसी के बीच में पैसे की सुविधा-
एंडॉमेंट प्लान और मनी बैक प्लान दोनों में पैसा लम्बे समय के लिए जमा हो जाता है। लेकिन इस बीच अगर आपके ज़रूरी काम हों जैसे बच्चे कीपढ़ाई का खर्चा, या शादी का खर्चा, तो  एंडॉमेंट प्लान में बीच में पैसा नहीं मिलता।  लोन जरूर मिलता है पर उसकी रकम बहुत छोटी होती है। 
वहीं मनी बैक प्लान इस तरह से बना है कि इसमें बीच- बीच में एक अच्छी रकम आपको मिलती रहती है जिससे आप अपने खर्चे उसी तरह सेप्लान कर सकते हैं।


प्रीमियम, रिटर्न- 
अगर दोनों पॉलिसी की तुलना की जाए तो आमतौर पर कहा जा सकता है कि एंडॉमेंट पॉलिसी का प्रीमियम मनी बैक पॉलिसी के प्रीमियम सेकम होता है, लेकिन एंडॉमेंट पॉलिसी में मनी बैक पॉलिसी से ज्यादा बोनस और रिटर्न मिलता है। मनी बैक में रिटर्न कम मिलने का कारण यह हैकि इसमें समय-समय पर पैसा आपको वापस मिलता रहता है जिससे बोनस कम हो जाता है। 

Types of Life Insurance

इन सब बातों को आसानी से समझने के लिए एलआईसी के न्यू एंडॉमेंट प्लान और न्यू मनी बैक प्लान का उदाहरण लेते हैं, जिसमें दो पॉलिसीहोल्डर हैं, दोनों की उम्र 30 साल हैं, और 10 लाख रुपये सम एश्योर्ड पाने के लिए एक ने 20 साल के लिए एलआईसी का न्यू एंडॉमेंट प्लान (814)और  दूसरे ने न्यू मनी बैक प्लान (820) लिया है। टेबल में देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि दोनों को पॉलिसी मैच्योर होने पर 10 लाखरुपये मिल रहे हैं लेकिन, एंडॉमेंट प्लान का प्रीमियम मनी बैक के प्रीमियम से काफी कम है।  

 

न्यू एंडॉमेंट प्लान (814)

न्यू मनी बैक प्लान (820)

अवधि 

20

20

उम्र

30

30

सम एश्योर्ड

10,00,000/- रुपये

10,00,000/- रुपये

प्रीमियम

47,617/- रुपये

74,518/- रुपये

(टेबल में लिखी गई रकम सांकेतिक है और सिर्फ़ समझाने के उद्देश्य से लिखी गई हैं)

चाहे एंडॉमेंट प्लान हो या मनी बैक प्लान इन दोनों का इंश्योरेंस  कवरेज राइडर्स के साथ और बढ़ाया जा सकता है। मान लीजिये  पॉलिसी केदौरान पॉलिसीहोल्डर दुर्घटनाग्रस्त  हो जाता है और कमाने में असमर्थ होने के कारण पॉलिसी का प्रीमियम भी नहीं दे पाता, तो ऐसे समय में कामआता है "वेवर ऑफ़ प्रीमियम” राइडर जो अलग से प्लान के साथ लेना होता है। इस राइडर के होने से पॉलिसीहोल्डर को भविष्य के प्रीमियमनहीं देना पड़ता। इसी तरह के दूसरे ऐड ऑन राइडर्स हैं -एक्सीडेंटल डेथ ,क्रिटिकल इलनेस आदि। लगभग सारे इंश्योरेंस  कंपनी राइडर्स कीसुविधा देते हैं।

अपनी आर्थिक स्तिथि, इंश्योरेंस  के लिए आप कितना प्रीमियम दे सकते हैं, आपको कितना कवरेज चाहिए, और क्या आपको पॉलिसी मैच्योरहोने से पहले कुछ पैसा चाहिए, इन सब बातों को ध्यान में रखकर आप एंडॉमेंट या मनी बैक में से किसी एक पॉलिसी  का चुनाव कर सकते हैं।
लेख में लिखी गई बातें जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से हैं। इस विषय को गहराई से जानने के लिए बाजार में मौज़ूद लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से सीधे जानकारी प्राप्त करें।

Life Insurance FAQ

 

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